बिशेष प्रतिनिधि द्वारा
देवघर:बिहटा के सिनेमा मालिक हत्याकांड में उम्र कैद की सज़ा काट रहा था कुख्यात- बिहटा से सदिशोपुर वाया बेलाउर तक अमित सिंह था निशाने पर -निर्भय सिंह की हत्या के बाद से अपने ही लोगो के आँखों मे रहा था खटक-पटना में डबल मर्डर में नाम आने के बाद से नीमा गांव में जारी पांडव सेना के सरगनाओ के गैंगवार में शामिल होने का मिला था सुराग -सुपारी देकर कराई गई हत्या का शक, बेहद दुःसाहसी शूटर ने दिया घटना को अंजाम, हथियार फेका और हो गया फरार -वकील के चेम्बर में बेधड़क एक दम सटकर सिर में मारी गोलियां, ओंस्पॉट मार गिराया
देवघर सिविल कोर्ट शनिवार की सुबह गोलियों की तड़तड़ाहट से थर्रा उठा। सुरक्षा को तार तार कर अपराधियों ने शनिवार को व्यवहार न्यायालय में पेशी के लिए लाए गए विचाराधीन कैदी कुख्यात अपराधी अमित सिंह को देवघर कोर्ट परिसर में ही गोली मार कर हत्या कर दी। पुलिस को घटनास्थल से खोखा और वहां से कुछ दूरी पर वकालतखाना से पिस्टल मिला है। इस तरह एक बार फिर न्यायालयो की सुरक्षा पर सवाल उठने लगा है। अमित को वर्ष 2012 में हुए देवघर के बहुचर्चित स्क्रैप कारोबारी चंचल कोठारी अपहरण कांड में पेशी के लिए लाया गया था।
जानकारी के अनुसार देवघर में सत्रवाद संख्या-129/2018 के केस में जमानत पर चल रहे बेऊर जेल, पटना में बंद गैंगस्टर अमित कुमार सिंह को पूर्वाह्न बेला में पुलिस अभिरक्षा के बीच प्रोडक्शन वारंट पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय, देवघर गरिमा मिश्रा के न्यायालय में लाया गया था। अमित उक्त न्यायालय से हाजिरी देकर वकालतखाना परिसर में अपने वकील से मिलने लौटा ही था, तभी अपराधी ने वकील राजीव कुमार देव के सिरिस्ता में नजदीक आकर सिर में 2 व छाती में 1 गोली मार दी। गोली मारने के बाद अपराधी वकालतखाना की ओर भागा और वहां से भी एक राउंड फायरिंग कर गली से होते हुए आसानी से भाग निकलने में सफल रहा। बड़ी बात यह है कि अमित को बिहार पुलिस के एएसआई राम अवतार राम के साथ चार हथियार बंद पुलिसकर्मियों की सुरक्षा में न्यायालय लाया गया था। उसमें एक कार्बाइनधारी पुलिस जवान भी शामिल था, बावजूद अपराधी बड़ी ही आसानी से सुरक्षा घेरे को धत्ता बताते हुए भरी भीड़ के बीच सरेआम गोली मारकर हत्या करने के बाद आसानी से भाग निकलने में भी सफल रहा। खास बात यह भी है कि जिस न्यायालय परिसर में कुख्यात अमित की हत्या हुई है, वहां से महज 150-200 मीटर की दूरी पर समाहरणालय, पुलिस अधीक्षक कार्यालय व आवास, अनुमंडल कार्यालय, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी का कार्यालय है। उन सभी जगहों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहते हैं। वहीं न्यायालय परिसर में हमेशा भारी संख्या में लोगों की उपस्थिति रहती है। बावजूद अपराधी अपनी योजना में न सिर्फ कामयाब रहा बल्कि घटना को अंजाम देने के बाद आसानी से भाग निकलने में भी सफल रहा। बताया जाता है कि जिस मामले में पेशी के लिए कुख्यात अमित को लाया गया वह वर्ष 2012 को देवघर का बहुचर्चित स्क्रैप कारोबारी चंचल कोठारी अपहरण कांड से जुड़ा था।
देवघर में ढेर कर दिए गए पटना जिले के बिहटा में सिनेमा हाल मालिक निर्भय सिंह हत्याकांड में सजायाफ्ता अमित को पूरी तरफ बेख़ौफ़ और दुःसाहसी शूटर ने बिल्कुल सटकर नजदीक से तीन गोलियों मारी। एक गोली उसकी कनपटी में, दूसरी उसके सिर में और तीसरी सीने में मारी गई। यानी बचने का कोई चान्स ही नही था। मार डाला ही उद्देश्य था।
एक अपराधी द्वारा सैकड़ो लोगो की मौजूदगी में कोर्ट परिसर में हत्या करना और फिर फरार हो जाना इस बात की ओर इशारा करता है कि वो दुःसाहसी और शार्प शूटर है। इस तरह की एकदम सटीक किलिंग अमूमन सुपारी किलर्स ही करते है। फिर हथियार वारदातस्थल पर फेंक कर फरार हो जाना उसके प्रोफेशनल कॉन्ट्रेक्ट किलर होने की गवाही देता है। वही, देवघर में अमित की हत्या भी भाड़े पर किए जाने की ओर इशारा करता है क्योंकि झारखण्ड में अमित ने किसी ऐसी वारदात को मिली जानकारी के अनुसार नही दिया था जो उसकी हत्या का कारण बने।
बिहटा व्यवसायी संघ के अध्यक्ष व सिनेमा हॉल के मालिक निर्भय सिंह हत्याकांड मामले में अमित सिंह को उम्रकैद की सजा हुई थी. कोर्ट ने निर्भय सिंह हत्याकांड में अमित सहित पांच को 28 मार्च 2022 को दोषी करार दिया और सभी को सश्रम आजीवन कारावास तथा 20-20 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी थी. सजा पाने वालों में मुखिया पप्पू सिंह, लक्ष्मण उर्फ मनीष, अमित सिंह उर्फ निशांत, चंदन कुमार उर्फ चंदन सिहं और लालू कुमार उर्फ लालू महतो शामिल थे. इसके अलावा भी कई अन्य मामलों में अमित आरोपी था
जानकार बताते हैं कि पप्पू सिंह पर पटना के नौबतपुर, बिहटा समेत आरा के उदवंतनगर में भी कई मामले दर्ज हैं। बिहटा में 15 सितंबर 2017 को उदय मंदिर सिनेमा हॉल के मालिक निर्भय सिंह को दिनदहाड़े गोलियों से भून डाला गया था। पटना के इस चर्चित हत्याकांड में अमित कुमार सिंह का नाम सामने आया था। तब पुलिस पूरी सरगर्मी से अमित कुमार की तलाश में जुट गई थी। निर्भय सिंह की हत्या के बाद काफी दिनों तक अमित सिंह पुलिस की गिरफ्त से दूर रहा।
लगभग एक साल बाद 26 मार्च 2018 को बिहटा के विष्णुपुरा से पुलिस ने अमित कुमार सिंह को हत्याकांड मामले में दबोचा था। न्यायिक प्रक्रिया के बाद अमित कुमार सिंह को पटना के बेउर जेल में भेज दिया गया था। उस पर 13 मामले दर्ज थे। तीन मामले में वह सजायाफ्ता था।
सिनेमा हॉल के मालिक निर्भय सिंह हत्याकांड में अमित कुमार सिंह के पिता पूर्व मुखिया पप्पू सिंह भी नामजद थे। फिलहाल वह निर्भय सिंह हत्याकांड में पटना के बेउर जेल में बंद हैं। इस हत्याकांड में अभी कुछ माह पूर्व अमित को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। उसके बाद से वह बेउर जेल के 3/6 सरस्वती खंड में बंद था।
उधर घटना की सूचना मिलते ही देवघर में मौजूद संतालपरगना रेंज के डीआइजी सुदर्शन मंडल, एसपी सुभाष चंद्र जाट के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। घटना के तुरंत बाद पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू कर दी। पुलिस ने घटनास्थल से हत्या में प्रयुक्त किए गए देशी पिस्टल के साथ दो खोखा, एक पैलेट व एक राउटर बरामद किया है। घटनास्थल की घेराबंदी करते हुए सील कर दिया गया है। वहीं घटना के बाद न्यायाधीश ने डीआईजी व एसपी को बुलाकर घटना के संबंध में जानकारी ली। साथ ही न्यायाधीश ने बिहार से अमित को लेकर आने वाले एएसआई सहित चार अन्य पुलिस जवानों से भी पूछताछ की।
घटना के बाद अधिवक्ताओं में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। अपराधियों ने अमित को तीन गोली मारी। अमित सिंह के छाती और सिर पर गोली लगी। इससे उसकी मौत घटनास्थल पर ही हो गई। घटनास्थल का जायजा लेने कई जज पहुंचे। मामले की सूचना पर देवघर एसपी सुभाष चंद्र जाट भी पहुंचे। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
वहीं मामले को लेकर रविवार को दुमका की सीआईडी और फॉरेंसिक की टीम घटनास्थल पहुंचकर सभी बिन्दुओं पर जांच कर रही है.सीआईडी डीएसपी संदीप कुमार गुप्ता के नेतृत्व में चार सदस्यीय सीआईडी की टीम और चार सदस्य फॉरेंसिक की टीम के द्वारा शनिवार की घटना का सीन रिक्रिएट कर हर बिंदुओं पर जांच कर रही है.
जांच टीम को रविवा एक खोखा भी बरामद हुआ है. इससे पहले शनिवार को वारदात के बाद पुलिस को घटनास्थल के पास से एक देसी पिस्टल, 2 खोखा, एक पैलेट एवं एक राउटर बरामद हुआ था.